सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

सौर ऊर्जा और भारत में इसका वर्तमान अनुप्रयोग

सौर ऊर्जा और भारत में इसका वर्तमान अनुप्रयोग

सौर ऊर्जा (Solar Energy) वह ऊर्जा है जो हमें सीधे सूर्य से प्राप्त होती है। यह एक नवीकरणीय, स्वच्छ और असीमित स्रोत है, जो पर्यावरण के लिए भी अनुकूल है। आज पूरी दुनिया जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण और ऊर्जा की कमी जैसी चुनौतियों का सामना कर रही है। ऐसे समय में, सौर ऊर्जा न केवल एक तकनीकी समाधान है, बल्कि यह आर्थिक और सामाजिक बदलाव का भी माध्यम बन सकती है।

रेगिस्तान में एक सौर फार्म

भारत, अपनी भौगोलिक स्थिति के कारण, सौर ऊर्जा के लिए दुनिया के सबसे अनुकूल देशों में गिना जाता है। यहां साल में औसतन 300 धूप वाले दिन होते हैं, और सौर विकिरण की मात्रा 4–7 kWh/m²/दिन तक होती है। यह स्थिति भारत को सौर ऊर्जा उत्पादन में एक वैश्विक नेता बनने की क्षमता देती है।

1. सौर ऊर्जा का परिचय और प्रकार

सौर ऊर्जा के उपयोग के दो मुख्य तकनीकी तरीके हैं:

  • फोटोवोल्टिक (PV) प्रणाली: इसमें सोलर पैनल सूर्य के प्रकाश को सीधे बिजली में परिवर्तित करते हैं।
  • सोलर थर्मल प्रणाली: इसमें सूर्य की ऊष्मा का उपयोग पानी गरम करने, भाप उत्पन्न करने और टर्बाइन चलाने में किया जाता है।

1.1 फोटोवोल्टिक तकनीक

यह तकनीक सिलिकॉन आधारित सौर सेल का उपयोग करती है। जैसे ही प्रकाश की किरणें सेल पर पड़ती हैं, इलेक्ट्रॉनों की गति से विद्युत धारा उत्पन्न होती है। आजकल मोनोक्रिस्टलाइन और पॉलीक्रिस्टलाइन पैनल सबसे ज्यादा उपयोग में हैं।

सौर ऊर्जा उत्पन्न करने की फोटोवोल्टिक विधि

1.2 सोलर थर्मल तकनीक

इसमें सूर्य की किरणों को एक बिंदु पर केंद्रित करके ऊष्मा उत्पन्न की जाती है। इसका उपयोग बिजली उत्पादन, पानी गरम करने और औद्योगिक प्रक्रियाओं में किया जाता है।

सौर ऊर्जा उत्पन्न करने की सौर तापीय विधि

2. भारत में सौर ऊर्जा की वर्तमान स्थिति

वर्ष 2010 में जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय सौर मिशन (JNNSM) शुरू होने के बाद से भारत में सौर ऊर्जा क्षमता में तेजी से वृद्धि हुई है। 2025 तक भारत की कुल स्थापित सौर ऊर्जा क्षमता 75 GW से अधिक हो चुकी है, जिससे यह दुनिया का चौथा सबसे बड़ा सौर ऊर्जा उत्पादक बन गया है।

भारत में सौर ऊर्जा के ताजे आंकड़े

  • मार्च 2025 तक भारत की कुल सौर ऊर्जा क्षमता **107.94 GW** (AC) थी। 0
  • Q1 2025 में भारत ने **6.7 GW** सौर क्षमता जोड़ी — जो कुल नए पावर इंस्टॉलेशंस का 54 % था। 1
  • Q1 2025 में सौर ऊर्जा ने देश की कुल पावर क्षमता में **22 %** और कुल नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता में **47.6 %** हिस्सा लिया। 2
  • Q1 2025 में भारत ने लगभग **42 billion units (BU)** सौर ऊर्जा उत्पन्न की, जो पिछले वर्ष की तुलना में **32.7 %** अधिक है। 3
  • Financial Year 2025 (FY 25) में कुल **22.5 GW** सौर क्षमता जोड़ी गई — जिसमें 17.4 GW utility-scale और 5.15 GW rooftop solar शामिल है। 4
  • H1 2025 (जन.–जून) में भारत ने **18.3 GW** सौर क्षमता जोड़ी — מדובר 51.6 % की YoY वृद्धि। Utility-scale में 14.3 GW और rooftop में 3.2 GW शामिल थे। 5
  • जून 2025 में अकेले **5.4 GW** की सौर क्षमता जोड़ी गई, जिससे कुल सौर संचित क्षमता **116.3 GW** हो गई। 6
  • भारत ने जनवरी 2025 में **100.33 GW** संचित सौर क्षमता पार कर ली — जिसमें से 84.10 GW निर्माणाधीन व 47.49 GW टेंडरिंग में है। 7
  • TERI की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में सौर ऊर्जा की **टिपणि क्षमता लगभग 10,830 GW** है — जो पहले के अंदाज़े 748 GW से बहुत अधिक है। 8

2.1 प्रमुख राज्य

  • राजस्थान: भौगोलिक रूप से सबसे उपयुक्त, यहां भड़ला सोलर पार्क (2245 MW) दुनिया का सबसे बड़ा है।
  • गुजरात: चारनका सोलर पार्क और रूफटॉप सोलर योजनाओं के लिए प्रसिद्ध।
  • तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश: ग्रिड-स्केल प्रोजेक्ट में अग्रणी।

2.2 रूफटॉप सोलर

शहरी इलाकों में बिजली बिल घटाने और नेट मीटरिंग के माध्यम से अतिरिक्त बिजली बेचने के लिए रूफटॉप सोलर लोकप्रिय है। सरकार 40 GW रूफटॉप क्षमता का लक्ष्य लेकर चल रही है।

3. सौर ऊर्जा के अनुप्रयोग

3.1 घरेलू उपयोग

घरों में सौर ऊर्जा का उपयोग बिजली उत्पादन, पानी गरम करने और कुकिंग डिवाइस के लिए किया जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में यह डीजल जेनरेटर का सस्ता और साफ विकल्प है।

3.2 कृषि

सोलर पंप, सोलर ड्रायर और कोल्ड स्टोरेज सुविधाएं किसानों की लागत कम करने और उत्पादन बढ़ाने में मदद करती हैं।

3.3 औद्योगिक और वाणिज्यिक उपयोग

बड़े कारखानों, गोदामों और मॉल में बिजली की लागत घटाने के लिए ग्रिड-स्केल और हाइब्रिड सोलर सिस्टम अपनाए जा रहे हैं।

3.4 परिवहन

सौर ऊर्जा से चलने वाले ई-रिक्शा, नावें और यहां तक कि प्रयोगात्मक सोलर एयरक्राफ्ट भी विकसित हो रहे हैं।

4. भारत में सौर ऊर्जा के लाभ

  • असीमित और नवीकरणीय स्रोत
  • कार्बन उत्सर्जन में कमी
  • ग्रामीण विद्युतीकरण में सहयोग
  • रोजगार के नए अवसर
  • आयातित ईंधन पर निर्भरता कम

5. चुनौतियां

  • भूमि अधिग्रहण और पर्यावरणीय प्रभाव
  • ऊर्जा भंडारण (बैटरी) की उच्च लागत
  • मौसम और दिन के समय पर निर्भरता
  • पुरानी बिजली ग्रिड अवसंरचना

6. सरकारी नीतियां और पहल

राष्ट्रीय सौर मिशन के अलावा, सरकार ने किसान उर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (कुसुम योजना), सोलर पार्क योजना और सौर रूफटॉप योजना जैसे कार्यक्रम शुरू किए हैं। इन योजनाओं के तहत सब्सिडी, आसान लोन और टैक्स में छूट दी जाती है।

7. अंतरराष्ट्रीय सहयोग

भारत ने 2015 में फ्रांस के साथ मिलकर इंटरनेशनल सोलर अलायंस (ISA) की स्थापना की। इसका उद्देश्य सौर ऊर्जा को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देना और तकनीकी सहयोग को मजबूत करना है।

8. भविष्य की संभावनाएं

2030 तक भारत का लक्ष्य 500 GW नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता हासिल करना है, जिसमें सौर ऊर्जा की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा होगी। उन्नत बैटरी तकनीक, पेरोव्स्काइट सोलर सेल और फ्लोटिंग सोलर प्लांट जैसे नवाचार भविष्य में बड़ी भूमिका निभाएंगे।

निष्कर्ष

सौर ऊर्जा केवल एक तकनीकी समाधान नहीं है, बल्कि यह भारत के सतत विकास, ऊर्जा आत्मनिर्भरता और पर्यावरण संरक्षण का आधार है। सही नीतियों, जन-जागरूकता और निवेश के साथ, भारत आने वाले वर्षों में सौर ऊर्जा के क्षेत्र में विश्व नेता बन सकता है।

आपको यह भी पसंद आ सकते हैं

टिप्पणियाँ